Top 10 Moral Stories in Hindi for Kids 2021 | बच्चों के लिए नैतिक कहानियां हिंदी में

Top 10 Moral Stories in Hindi for Kids 2021 | बच्चों के लिए नैतिक कहानियां हिंदी में

Moral Stories in Hindi:- Today I am going to share these Top 10 moral stories in Hindi. This short moral story in Hindi for kids is good and fruitful for kids. These Short Hindi Moral Stories for kids will teach them a life lesson. I hope you will like these Moral Stories in Hindi 2021  for kids with pictures.

आज आप अहमरे इस लेख में Top 10 Moral Stories in Hindi for kids 2021 अर्थात बच्चों के लिए नैतिक कहानियां हिंदी में पढेंगे। ये सारी  कहानियां आपने अपने बचपन में अपने दादी माँ-नानी माँ से सुनी होंगी। सारी नैतिक कहानियां हिंदी में बच्चों के ज्ञान वर्धन के लिए बहुत मददगार है। इन कहानियों से मिले सीख को अपने जीवन में उतार  के आप अपने जीवन में सफलता की नयी ऊँचाइयों को छु सकते है। यह साडी कहानियां पढ़ कर आपको काफी आनंद आयेगा। उम्मीद है आपको यह Moral Stories in Hindi for kids 2021 पसंद आये।

1. Moral Stories in Hindi for Kids - पतीले की मृत्यु

Moral Stories in Hindi



अकबर के राज्य में बर्तनों का व्यापारी रहता था वह बहुत ही बेईमान था। बादशाह अपनी जानता से उसकी शिकायते सुन - सुन कर परेशान हो चुके थे। बादशाह ने बीरबल से कहा कि तुम शीघ्र पता लगाओं, क्या वास्तव में यह व्यापारी ठगी कर रहा है। 

एक दिन बीरबल उस व्यापारी के पास गया और तीन दिन के लिए दो पतीले किराए पर ले आया । जब बीरबल पतीले लौटाने गया तो एक छोटा पतीला और अपने साथ ले गया । तीनों पतीले व्यापारी को देते हुए कहने लगा , " जनाब ' ' तुम्हारे दोनों पतीलों ने एक छोटे पतीले को जन्म दिया है , इसलिए यह तुम्हारा है । आप इसे रख लो ।"

व्यापारी लालची था । उसने खुश होकर तीनों पतीलो को रख लिया । कुछ दिनों बाद फिर से व्यापारी के पास जाकर बीरबल एक बड़ा पतीला किराए पर ले आया । बीरबल दो दिन बाद व्यापारी के पास खाली हाथ चला गया । बीरबल को खाली हाथ देखकर व्यापारी बोला , " पतीला कहाँ है ? "

बीरबल ने जवाब दिया ,"जनाब , आपके पतीले की मृत्यु हो गयी "। 


" क्या कह रहे हो " ? पतीले भी कभी मरता है ? " व्यापारी बोला । बड़े ही शांत स्वभाव से बीरबल बोला , " जब बड़ा पतीला छोटे पतीले को पैदा कर सकता है तो पतीला मर क्यों नहीं सकता । " व्यापारी बीरबल की सारी बात समझ गया और उसने वादा किया कि वह भविष्य में कभी भी बेईमानी नहीं करेगा । 

Moral of this New Moral Story in Hindi for kids:-

"Dishonesty does not last long. So, any work or business should always be done honestly."

इस नैतिक कहानी की सीख: -

"बेईमानी ज्यादा दिन नहीं टिकती, इसलिए हमेशा कोई भी कार्य या व्यापार ईमानदारी पूर्वक करना चाहिए ।"

2. Moral Stories in Hindi - ईमानदार गरीब बालक


एक गरीब लड़का था और उसकी एक बहन थी। बहन पढ़ाई करती थी । उसकी पढ़ाई के लिए वह गरीब लड़का अपने बाबा से पढ़ाई का खर्च मांगने जा रहा था ।

रास्ते में उसे छोटा बैग मिला , उसमें 1000 रुपये थे । लड़का बड़ा ईमानदार था । उसने अपने मन में निश्चय कर लिया कि यह जिसका बैग है उसका पता लगाकर उसे जरूर देगा । उसने अपने घर आकर अपनी माँ से सब हाल सुनाकर कहा । 
लड़के ने मां से कहा," माँ जिस बेचारे का बैग पाया है उसको बड़ी चिन्ता हो रही होगी । हम ये रुपये रख लेंगे तो पाप होगा और भगवान हम पर नाराज होंगे । माँ तू कोई उपाय बता जिससे मैं उसको खोज पाऊँ ।" 

Hindi Short Stories with Moral for Kids


लड़की की माँ भी बड़ी ईमानदार थी । तभी तो उसको ऐसा पुत्र हुआ । वह पुत्र की बात सुनकर बड़ी प्रसन्न हुई । 
उसने अपने बेटे से कहा," बेटा ! भगवान तेरी नीयत की सच्चाई इसी प्रकार रखे । तू के काम कर तू अखबार वाले के पास जा कर अखबार में विज्ञापन चपवा दे।"


लड़का मां कि बात मान कर अखबार वाले के पास गया । उसने सारी बात बताई । उसकी बढ़िया नीयत को देखकर अखबार वाले ने उसके नाम से विज्ञप्ति छाप दी । मुझे एक बैग रास्ते में मिला है उसमें एक हजार के नोट हैं । यह जिसके हैं वो इस पते पर आकर सबूत देकर ले जाये । 

अखबार में वह विज्ञापन देख कर बैग का मालिक सबूत लेकर उस पते पर आया और इतनी गरीबी में ऐसी ईमानदारी देखकर चकित हो गया । 

उसने कहा," गरीब होकर भी दूसरों के पैसे पर नहीं ललचाता है , वही सच्चा ईमानदार है ।" उसने सारे नोट लड़के की पढ़ाई में दे दिया । लड़का अपनी ईमानदारी के बल पर आगे चलकर पढ़ - लिखकर बहुत बड़ा आदमी बना । 


Moral of this New Hindi Moral Stories for Kids:-

"We learn from this story that we should always follow the path of honesty and not greed at all."

इस नैतिक कहानी की सीख: -

"इस कहानी से हमे सीख मिलती है कि हमे हमेशा इमानदारी की रास्ते पर चलना चाहिए और लालच बिल्कुल नहीं करना चाहिए।"

 

3. Moral Stories in Hindi - धर्म के नाम पर पाखण्ड क्यों ?


एक ब्राह्मण धर्म - कर्म में निमग्न रहता था । उसने जीवनभर पूजा पाठ किये बिना कभी अन्न ग्रहण नहीं किया था । 

जब वृद्धावस्था आयी तो वह बीमार पड़ गया और अपना अंत समय निकट जान कर विचार करने लगा," काश ! प्राण निकलने से पूर्व मुझे गंगा जल की एक बूंद मिल जाती तो मेरे पापों का नाश हो जाता और मुझे मुक्ति मिल जाती ।"

तभी कबीरदास घूमते हुए उसके घर पहुँचे और कुशल क्षेम पूछ कर कुछ सेवा करने की अभिलाषा व्यक्त की । उस ब्राह्मण ने कहा , - बेटा , मैं सेवा करवाने का इच्छुक तो नहीं हूँ लेकिन तुम्हारी सेवा भावना है तो मुझे एक लोटा गंगा जल लाकर दे दो । मैं मरने से पूर्व गंगा जल का सेवन कर पापों से मुक्ति चाहता हूँ ।"

कबीरदास गंगा किनारे गये और अपने ही लोटे में गंगाजल ले आये । ब्राह्मण ने जब देखा कि कबीरदास अपने ही लोटा में गंगाजल लाये हैं तो वह बोला," तुम्हें अपने लोटे में गंगाजल लाने के लिए किसने कहा था । जुलाहे के लोटे से गंगाजल ग्रहण कर मैं पापों से कैसे मुक्त हो सकूँगा । इससे तो मेरा धर्म ही भ्रष्ट हो जायेगा ।" 

यह सुन कर कबीरदास बोले," हे ब्रह्मण देवता ! जब गंगाजल में इतनी शक्ति नहीं है कि वह जुलाहे के लोटे को पवित्र कर सके , तब आपको उस जल से कैसे मुक्ति मिल पायेगी ।"

कबीरदास दास का प्रश्न सुनकर वह ब्राह्मण निरुत्तर हो गया और उनकी ओर देखने लगा । उस अपने गलती समझ आ गई।


Moral of this Hindi Story for kids:-

"We learn from this story that we should never look at anyone in the middle. All beings are equal for God."

इस नैतिक कहानी की सीख: -

"इस कहानी से हमे सीख मिलती है कि हमे कभी किसी को बीच भावना से नहीं देखना चाहिए। ईश्वर के लिए सभी प्राणी एक बराबर है।"

 

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4. Moral Stories in Hindi for kids - कर्ज से अच्छे खजूर


एक विद्यालय के छात्रों ने एक बार पिकनिक की योजना बनाई । सभी बच्चे इसके लिए अपने घर से कुछ न कुछ खास बनाकर लाने वाले थे । सारे बच्चों में से एक गरीब बच्चा भी था । उसने घर आकर अपनी माँ को सारी बातें बताई । माँ ने बताया कि घर में कुछ खास चीज नहीं है । बालक दुःखी हो गया । तभी माँ ने कहा कि घर में कुछ खजूर रखे हैं तू उन्हें ले जा । 

माँ को लगा कि पिकनिक पर बाकी बच्चे अच्छे खाने - पीने की चीजों को लाएँगे , ऐसे में मेरा बेटा खजूर ले जाएगा तो ठीक नहीं लगेगा । माँ ने बेटे को कहा कि तुम्हारे पिता आने वाले हैं । वह आएँगे तो मैं तेरे लिए अच्छे चीजो को मँगवा लूँगी । 

थोड़ी देर बाद पिता आए । बेटे को उदास बैठा देखकर उन्होंने अपनी पत्नी से सारी बात पूछी । पत्नी ने सारी बात बताई । पति - पत्नी देर तक विचार कर रहे थे । बालक बैठकर सोच रहा था कि मेरे माता - पिता मेरे वजह से परेशानी में हैं । 

कुछ देर बाद बालक ने देखा कि उसके पिता बाहर जा रहे हैं । बालक ने पूछा- ' पिताजी क्या मैं जान सकता हूँ , कि आप कहाँ जा रहे है ? पिता बोले - बेटा तेरी उदासी मुझसे नहीं देखी जाती , मैं अपने मित्र से कुछ पैसों को उधार लेने जा रहा हूँ , जिससे तू भी पिकनिक पर अच्छी चीजों को ले जा सकेगा । 

बालक ने जवाब दिया- ' नहीं पिताजी ! उधार माँगना अच्छी बात नहीं है । मैं पिकनिक पर यह खजूर ही ले जाऊँगा । कर्ज लेकर शान दिखाना बुरी बात है । पिता ने पुत्र को सीने से लगा लिया । आगे जाकर यही बालक पंजाब के लाला लाजपत राय के नाम से विख्यात हुआ । 

Moral of this 10 lines Short Stories with moral for kids :-

"From this story we learn that we should never run after false pride."


इस नैतिक कहानी की सीख: -

"इस कहानी से हमे यह सीख मिलती है कि हमे कभी झूठी शान के पीछे नहीं भागना चाहिए।"

 

5. Moral Stories in Hindi - धन संग्रह

एक गाँव था , उसका नाम अमीरपुर था । यहाँ के लोग बहुत अमीर थे । धनी लोग गरीबों पर अत्याचार करते और उन्हें खुद से छोटा मानते थे । यह गाँव बहुत ही सुन्दर , दिनभर यहाँ रौनक और लोगों की चहल - पहल रहती थी । 

Moral Stories in Hindi



पर रातों को यहाँ चोरों का डर रहता था । उन्होंने चोरों को रोकने के कई तरीके अपनायें पर सब नाकाम रहें । अंत में वे हारकर दयालुपुर पहुँचें जो उनका पड़ोसी गाँव था । वे ज्यादा धनी नहीं थे । पर वे किसी को खुद से छोटा नहीं समझते थे । वहाँ कभी चोरी नहीं होती ।

उन्होंने दयालुपुर के सरपंच से सारी बातें कहीं सरपंच ने कहा तुम सब धन संग्रह छोड़ दो । तुम धनी हो और गरीबों को खुद से नीचा समझते हो । तुम्हारे गांव में अमीर गरीब के बीच बहुत गहरी भेद भाव है । गरीबों के पास अपना गृहस्थ चलाने के लिए भी पैसे नहीं है । इसीलिए तुम्हारे गांव के गरीब अपना जीवन गुराने के लिए अमीरों के यहां चोरियां करते है ।

अगर तुम कुछ वस्त्र , भोजन और पैसा गरीबों को दान करों । जिससे गरीबों का गृहस्थ जीवन सुधर जाएगा । और उन्हें चोरियां करने की जरूरत ही नहीं पड़ेगी । इससे तुम्हारे गांव में चोरियां भी समाप्त हो जाएगी।

उन्होंने ऐसा ही किया और चोरी समाप्त हुई । 

Moral of this Moral Story in Hindi:-

"This teaches us that we should avoid wealth collection, it can bring many difficulties in our life, and this collected wealth can shine the fortunes of the poor. May make their household life happy."

इस नैतिक कहानी की सीख: -

"इससे हमें यह शिक्षा मिलती हैं कि हमें धन संग्रह से बचना चाहिए यह हमारी जीवन में कई मुश्कीलें ला सकता है , यही संग्रह किया धन गरीबों की किस्मत चमका सकता है । उनके गृहस्थ जीवन को सुखी बना सकता है ।"

 

6. Moral Stories in Hindi - देने का आनंद

किसी नगर में एक गुरु का आश्रम था । एक बार गुरुजी अपने एक शिष्य ( जो एक सम्पन परिवार से था ) के साथ कहीं जा रहे थे । रास्ते में उन्होंने एक जगह पर देखा कि पुराने हो चुके एक जोड़ी जूते वहाँ उतरे पड़े हैं । जूते संभवतः पास के खेत में काम कर रहे गरीब मजदूर के थे , जो अब अपना काम खत्म कर घर वापस जाने की तैयारी कर रहा था । 

शिष्य को मजाक सूझा । उसने अपने गुरु से कहा , ' गुरुजी , क्यों न हम ये जूते कहीं छिपाकर झाड़ियों के पीछे छिप जाय । जब वह मजदूर इन्हें यहाँ न पाकर परेशान होगा , तो बड़ा मजा आएगा । '

यह सुनकर गुरु ने गंभीर स्वर में कहा , ' किसी गरीब के साथ इस तरह का भद्दा मजाक करना ठीक नहीं है । अगर तुम्हें मजदूर की प्रतिक्रिया देखना ही है , तो कुछ अलग भी किया जा सकता है । क्यों न हम इन जूतों में कुछ सिक्के डाल दें और छिपकर देखें कि इसका मजदूर पर प्रभाव क्या पड़ता है ?" शिष्य ने ऐसा ही किया । शिष्य ने उस गरीब किसान के जूते में कुछ सिक्के डाल दिए।

इसके बाद वे दोनों पास की झाड़ियों में छिप गए । मजदूर जल्द ही अपना काम खत्म कर घर जाने के लिए वहाँ आ खड़ा हुआ । मगर उसने जैसे ही अपना एक पैर जूते में डाला , उसे किसी कठोर चीज का आभास हुआ । उसने जल्दी से जूता हाथ में लिया और उसके भीतर झांककर देखा तो पाया कि उसमें कुछ सिक्के पड़े हैं ।

Moral Stories in Hindi


उसे बड़ा आश्चर्य हुआ और वह सिक्कों को हाथ में लेते हुए गौर - से उलट - पलटकर देखने लगा । फिर उसने आस - पास निगाह दौडाई , मगर उसे वहाँ कोई नजर नहीं आया । किसी को न पाकर उसने सिक्के अपनी जेब में डाल लिए ।

अब उसने पहनने के लिए दूसरा जूता उठाया , किंतु उसमें भी सिक्के पड़े थे । यह देखकर मजदूर भाव - विट्टल हो गया । उसने हाथ जोड़कर ऊपर की ओर देखते हुए कहा , ' हे ईश्वर , समय पर मिली इस सहायता के लिए उस अनजान सहायक का लाख - लाख धन्यवाद । उसकी दया के कारण आज मेरी बीमार पत्नी को दवा और भूखे बच्चों को भरपेट रोटी मिल जाएगी। '

मजदूर की बातें सुनकर शिष्य की आँखें भर आई । तब गुरूजी ने उससे कहा , ' क्या तुम्हारी मजाक वाली बात की अपेक्षा जूते में सिक्का डालने से तुम्हें कम खुशी मिली ?' शिष्य बोला , आपने आज जो मुझे पाठ पढ़ाया है , उसे जीवन भर नहीं भूलूगा आज मैं समझ गया हूँ कि लने की अपेक्षा देना अधिक सुखदायी है । देने का आनंद असीम है ।"

Moral of this Hindi Story for kids:-

"We should always help others with body, mind and wealth."

इस नैतिक कहानी की सीख: -

"हमें हमेशा दूसरों को तन - मन - धन से सहायता करनी चाहिए ।"

 

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7. Moral Stories in Hindi - माँ का प्यार


एक औरत थी , जो अंधी थी । जिसके कारण उसके बेटे को स्कूल में बच्चे चिढ़ाते थे कि अंधी का बेटा आ गया । हर बात पर उस ये शब्द सुनने को मिलता था । " कि अंधी का बेटा " आ गया । इसलिए वह अपनी माँ से चिढ़ता था । उसे कहीं भी अपने साथ लेकर जाने में हिचकता था । उसे नापसंद करता था । 

उसकी माँ ने उसे पढ़ाया और उसे इस लायक बना दिया कि वह अपने पैरों पर खड़ा हो सके । लेकिन जब वह बड़ा आदमी बन गया तो अपनी माँ को छोड़ कर अलग रहने लगा । अब उसकी मां भी बूढी हो चुकी थी।

एक दिन एक बूढी औरत उसके घर आई और गार्ड से बोली," मुझे तुम्हारे साहब से मिलना है ।" जब गार्ड ने अपने मालिक से बोला तो मालिक ने कहा कि बोल दो मैं अभी घर पर नहीं हूँ । गार्ड ने जब बुढ़िया से बोला कि वो अभी नहीं हैं । तो वहाँ से बुढ़िया चली गई । 

Moral Stories in Hindi



थोड़ी देर बाद जब लड़का अपनी कार से ऑफिस के लिए जा रहा होता है ... तो देखता है कि सामने बहुत भीड़ लगी है , और जानने के लिए कि वहाँ क्यों भीड़ लगी है ? वह वहाँ गया तो देखा कि उसकी माँ मरी पड़ी थी । उसने देखा कि उसकी मुट्ठी में कुछ है । उसने जब मुट्ठी खोली तो देखा कि एक चिट्ठी थी जिसमें यह लिखा था कि बेटा जब तू छोटा था तो खेलते वक्त तेरी आँख में सरिया घुस गई थी और तू अंधा हो गया था । तो मैंने तुम्हें अपनी आँखे दे दी थी ।

इतना पढ़कर लड़का जोर - जोर से रोने लगा । उसकी माँ अब वापस नहीं आ सकती थी । वह बस अपनी करनी पर पछताता रह गया ।


Moral of this Story for kids in Hindi:-

"Friends, learn to respect people as time goes on. We can never repay the debt of parents. We should always take care of our parents."

इस नैतिक कहानी की सीख: -

"दोस्तों वक्त रहते ही लोगों का सम्मान करना सीखो । माँ बाप का कर्ज हम कभी नहीं चुका सकते । हमें हमेशा अपने मां बाप का ख्याल रखना चाहिए।"

 

8. Moral Stories in Hindi - गुरु की सीख


एक दिन गुरु जी अपने शिष्यों को जड़ी - बूटियों की जानकारी देने के लिए किसी जंगल में लेकर जा रहे थे । रास्ते में आवारा कुत्ते भौंकते हुए उनके पीछे आ गए । गुरु और उनका एक शिष्य उनकी ओर ध्यान न देकर चुपचाप अपनी राह पर चलते रहे । पर उनके अन्य शिष्य वहीं रूक गए वे पत्थर मारकर उन आवारा कुत्तों को भगाने लगे । 

उन्हें भगाकर जैसे ही वे आगे बढ़े , अचानक एक बंदर उनके रास्ते में आ गया । वे उसे भी पत्थर मारने लगे । बंदर तब भी वहाँ से भागा नहीं । वह उन शिष्यों से चिढ़ गया था । बहुत देर तक वे उस बंदर से ही उलझे रहे । 


जब तक वह जंगल में पहुँचे , तब तक बहुत देर हो चुकी थी । जब वे अपने गुरु के पास आए , गुरु ने उनकी ओर देखा भी नहीं । उनकी अनदेखी करते हुए गुरु ने अपने साथ आए शिष्य से कहा- " वत्स , शाम , होनेवाली है जंगल में रुकना ठीक नहीं है , हमें यहाँ से अब शीघ्र जाना होगा ।" 

यह सुनकर अन्य शिष्य हैरान रह गए । जड़ी - बूटियों के बारे में तो गुरु जी ने कुछ बताया ही नहीं था । उन शिष्यों ने विनम्र भाव से गुरु से कहा " गुरुजी , आप तो हमें जगल में जड़ी - बूटियों की जानकारी देने के लिए लाए थे , पर आप तो बिना जानकारी दिए जाने की बात कह रहे हैं । " 

गुरु ने कठोरता से कहा- " बच्चों , तुम सही कह रहे हो । पर तुम अभी इस योग्य नहीं हो।" गुरु की बात को वे समझ नहीं सके । शिष्यों ने पुनः याचना भरे स्वर में कहा- " गुरुजी , आप हम से नाराज क्यों हैं ? हमारा दोष क्या है ? " शिष्यों को समझाते हुए गुरु ने कहा " बच्चों , यदि तुम समय पर जंगल में आ जाते , तो संभवतः मैं तुम्हें जड़ी - बूटियों की जानकारी अवश्य देता पर तुमने तो अपना सारा समय रास्ते में व्यर्थ की बात में उलझने में ही गंवा दिया ।" 

Moral Stories in Hindi



शिष्यों को अपनी गलती का एहसास हो गया था । वे खाली हाथ - मुँह लटकाए हुए कुटिया में वापस आकर अपनी गलती पर पश्चाताप करने लगे । जबकि वह शिष्य , जो रास्ते में न रुककर गुरु के साथ ही आ रहा था अपने साथ कई उपयोगी जड़ी - बूटियाँ जंगल से एकत्रित कर ले आया था ।

Moral of this Hindi Story for kids :-

"By this saying, we learn that we will get many expenses on the way to reach our goal, but we should not waste our time in those meaningless things. Rather, you should keep all your focus on your goal."

इस नैतिक कहानी की सीख: -

"इस कहनी से हमे यह सीख मिलती है कि हमे अपने लक्ष्य तक पहुंचने के मार्ग में बहुत सारी अर्चनें मिलेंगी पर हमे उन व्यर्थ के चीजों में अपना समय व्यर्थ नहीं करना चाहिए। बल्कि अपना सारा ध्यान अपने लक्ष्य पर रखना चाहिए।"

 

9. Moral Stories in Hindi - अच्छाई का फल

एक गरीब लड़का था । वह एक झोपड़ी बनाकर रहता था उसका नाम रामू था , वह बहुत दयाल था । उसके माता - पिता नहीं थे । एक बार गाँव में भयानक रोग फैल गया । सब लोग मरने लगे । रामू भी अपना गाँव छोड़कर दूसरे गाँव के लिए चल पड़ा । 

रास्ते में उसने देखा कि एक कौवा भौरों का पीछा कर रहा है । राम को दया आई । उसने कौवे को भगा दिया । भौरे ने उसे बहुत धन्यवाद दिया । भौर ने कहा , " तुम , जब कभी मुझे याद करोगे , मैं तुम्हारी मदद के लिए आ जाऊंगा । " 

रामू आगे चल पड़ा । तभी वह देखता है कि कुछ लोग मिलकर एक बिच्छु को मार रहे हैं । रामू ने कह - सुनकर बिच्छू को बचा लिया । बिच्छू ने उसे धन्यवाद देते हुए कहा- जब कभी तुम मुझे याद करोगे मैं तुम्हारी सेवा में हाजिर हो जाऊँगा ।"

रामू आगे चल पड़ा । तभी उसने देखा कि एक बिल्ली एक चूहे को सता रही है । रामू ने उस बिल्ली को भगाकर चूहे को बचा लिया । चूहे ने भी कहा- " मुसीबत के समय तुम मुझे याद करना , तुरंत ही मदद के लिए आ जाऊंगा । " 

चलते - चलते रामू एक गाँव में पहुंचा । वहाँ वह बुढ़िया के घर ठहर गया । उसने देखा कि बुढ़िया हर समय उदास रहती हैं । उसने बुढ़िया से उसकी निराशा का कारण पूछा । बुढ़िया ने बताया , " यहाँ का राजा बड़ा अत्याचारी है । प्रतिदिन वह एक व्यक्ति को मरवा डालता है । जल्दी ही मेरी भी बारी आ सकती है ।" रामू को इस बात का बड़ा दुःख हुआ । उसने यह सोच लिया कि वह अत्याचारी राजा का नाश करके ही छोड़ेगा । रामू ने तीनों साधियों को तत्काल याद किया । पलभर में ही तीनों साथी उपस्थित हो गए । 

सबसे पहले उसने चूहे से कहा कि वह जल्दी से एक सुरंग बना दे , जो राजा के बगीचे तक पहुँचती हो । बात ही बात में सुरंग बन गई । चारों मित्र उस सुरंग के मार्ग से राजा के बाग में पहुँच गए । घनी झाड़ियों में छिपकर बैठ गए । 

सुबह हुई । राजा बगीचे में घूमने आया । योजना के मुताबिक भौंरा राजा के सिर पर डंक मार कर पेड़ पर जा बैठा । राजा को गुस्सा आ गया । उसने अपने नौकर से उसी समय एक सीढ़ी मँगवाई और उससे बोला तुम इस सीढ़ी को मजबूती के साथ पकड़ो मैं ऊपर चढ़कर उस दुष्ट भौरे को पकड़ता हूँ । इतना कहकर राजा सीढ़ी पर चढ़ गया । 

रामू ने उसी समय बिच्छू से कहा कि वह नौकर के पैर में अपना डंक फौरन मार दें । बिच्छू ने वैसा ही किया दर्द के मारे नौकर सीढ़ी छोड़ कर भाग गया । राजा सीढ़ी से नीचे गिरा और उसी क्षण उसकी मृत्यु हो गई। 

रामू ने यह खुशखबरी पूरे गांव वालों को दी। लोगों ने मिलकर रामू को ही वहाँ का राजा बना दिया ।

Moral of this Story for kids in Hindi:-

"One must get the fruit of man's goodness one day."

इस नैतिक कहानी की सीख: -

"आदमी की अच्छाई का फल एक न एक दिन उस जरूर मिलता है ।"

 

10. Moral Stories in Hindi - वह एक रास्ता


एक गांव में एक किसान रहता था । वह काफी गरीब था और किसान पर साहूकार का काफी धन उधार हो चला था । किस्मत और मौसम दोनों बिगड़े और किसान की फसल खराब हो गई । वादे के अनुसार साहूकार का उधार चुकाने का समय हो गया था । किसान असमंजस में था कि ऐसी स्थिति में क्या करे ?

उसकी एक बेटी थी । वह काफी समझदार थी । उसकी समझदारी से पूरा गांव प्रभावित था । साहूकार ने किसान से शर्त रखी कि या तो वह सारा उधार चुका दे या फिर अपनी बेटी की शादी उसके साथ कर दे , लोगों ने इसे अन्यायपूर्ण शर्त बताया । 

यह देखकर साहूकार ने एक नए तरीके से अपनी बात सामने रखी । इसके अनुसार वह एक थैले में दो पत्थर रखेगा- एक काला और दूसरा सफेद । किसान की लड़की को उस थैले में हाथ डालकर एक पत्थर निकालना होगा । अगर काला पत्थर निकला तो साहकार के साथ शादी करनी होगी और किसान का उधार माफ हो जाएगा । सफेद पत्थर निकला तो लड़की को साहकार से शादी नहीं करनी होगी । उसके पिता को उधार भी नहीं चुकाना होगा । इस दौरान यदि लड़की ने शर्त मानने से मना किया तो किसान को उघार चुकाना होगा और जेल भी जाना होगा ।

Moral Stories in Hindi



किसान और उसकी लड़की की शर्त मान ली । सब लोग जमा हुए । साहूकार ने थैले में पत्थर डालते वक्त चालाकी दिखाई और दोनों पत्थर काले रंग के डाल दिए । लड़की ने साहूकार को यह करते हुए देख लिया । अब उसके सामने तीन रास्ते थे । पहला कि वह चुपचाप पत्थर निकालकर साहूकार से विवाह कर ले और अपनी जिंदगी अपने पिता के लिए बलिदान दे दे । दूसरा , वह पत्थर निकालने से मना कर दे और उसके पिता उधार चुकाएं , साथ में जेल भी जाएं । तीसरा , वह लोगों को बता दे कि साहूकार बेईमानी कर रहा है , ऐसे में भी पिता को उधार चुकाना पड़ेगा । लड़की ने पत्थर निकालने का फैसला किया । 

उसने पत्थर निकाला और अपनी मुट्ठी में बन्द पत्थर को दूर उछाल दिया । पत्थर जाकर दूसरे पत्थरों में मिल गया । लोगों ने पत्थर पहचानने को कहा तो उसने उनसे पत्थर न पहचान पाने की असमर्थता जताने के बाद माफी मांगी तथा कहा कि थैले के अंदर बचे पत्थर को देखकर अभी भी फैसला लिया जा सकता है । थैले के काले पत्थर को देखकर फैसला किसान और लड़की के पक्ष में सुनाया गया ।

Moral of this Moral Story in Hindi for kids:-

"From this story we learn that we easily get out of the biggest trouble with our intelligence and wisdom."

इस नैतिक कहानी की सीख: -

"इस कहानी से हमे यह सीख मिलती है कि अहम अपने बुद्धि और विवेक से बड़े से बड़े मुसीबत से आसानी से बाहर आसकते है।"

 

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Thank You so much for reading these Top 10 Moral Stories in Hindi 2021. I hope you enjoyed this Moral Story in Hindi for kids. If you liked these New Short Moral Stories in Hindi please comment and let me know which Hindi story for kids you liked the most. You will find much more interesting and new Moral Stories in Hindi for kids 2021 on our site.

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