Short Story in Hindi with Moral : Hello my dear friends, today you will get here 5 best Short Story in Hindi values. I have collected these short story in Hindi with moral and my readers. These 5 very short story in Hindi with moral pictures are titled as:
- बिच्छू और कबूतर – Bichu and Pigeon
- प्यासा कौआ – Thirsty Crow story for Kids in Hindi
- चालक लोमड़ी – Clever Fox Story in Hindi
- हाथी की दोस्ती – Hathi ki Dosti
- जो हुआ अच्छा हुआ – Jo Hua Acha Hua
I hope these small stories in Hindi and short story in Hindi with moral will be loved by you all. 😊
1. बिच्छू और कबूतर
( Short Story in Hindi )
बारिश का मौसम था। जंगल में झमाझम करके बारिश हो रही थी। ( Short Story in Hindi with Moral ) वही एक बिच्छू इस बारिश का लुफ्त उठाते हुए टहल रहा था। धीरे धीरे अपनी गति से इधर-उधर घूम रहा था। तभी अचानक उसके पीछे से पानी का तेज बहाव आया और वह बिच्छू पानी के तेज बहाव के साथ बहता चला गया। इससे पहले कि वह कुछ समझ पाता और खुद को बचाने की कोशिश करता हुआ पानी के साथ नदी में जा गिरा।
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बिच्छू को तैरना नहीं आता था। वह पानी में बहने लगा और डूबने लगा। वही पास के पेड़ पर एक कबूतर रहता था। उस कबूतर को बिच्छू की हालत देख कर उस पर दया आ गई। कबूतर ने बिच्छू की मदद करने की सोची। कबूतर पेड़ पर से एक पत्ता तोड़ कर उड़ता हुआ बिच्छू के पास पहुंचा और कबूतर ने वह पत्ता बिच्छू के पास पानी में फेंक दिया। बिच्छू उस पत्ते पर चढ़ गया और धीरे धीरे वह पता उस बिच्छू को नदी किनारे ले आया। बिच्छू जमीन पर आ चुका था।
बिच्छू ने कबूतर का बहुत धन्यवाद किया और उसने वक्त आने पर कबूतर की मदद करने का भी वादा किया।
फिर वह बिच्छू और कबूतर दोनों अपनी-अपनी रस्ते चल दिए। समय बीतता गया। कई साल बीत गए। तभी अचानक एक दिन जंगल में एक शिकारी आया। वह पशु पक्षियों का शिकार कर रहा था। उसने कई सारे पक्षियों को भी मार गिराया था। अब उसकी नजर उस कबूतर पर पड़ी। वह शिकारी अपनी बंदूक से उस कबूतर पर निशाना लगाने लगा। वह बिच्छू भी वहीं पर था। उसने उस शिकारी को कबूतर पर निशाना लगाते हुए देखा। बिच्छू को अपने किया हुआ वादा याद आया। कभी इसी कबूतर ने उसकी जान बचाई थी।
बिच्छू ने देखा कि वह शिकारी कबूतर पर निशाना लगा रहा है। ( Short Story in Hindi with Moral for class 8 ) वह तेजी से शिकारी की तरफ गया और उसके पैर पर काट लिया जिससे उस शिकारी के हाथों से गोली चल गई परंतु उसका निशाना चूक गया और कबूतर की जान भी बच गई। कबूतर गोली की आवाज सुनते ही वहां से उड़ गया। और फिर वह बिच्छू के पास जाकर उसे भी धन्यवाद कहा।
सीख:-
हमें हमेशा दूसरों की मदद करनी चाहिए। आज हम किसी की मदद करेंगे तो जब कल जब हमें भी उसकी जरूरत होगी तो वह भी हमारी मदद करेगा।
The lesson of this short Hindi Story:-
We should always help others. Today we will help someone, so tomorrow when we need him too, he will also help us.
2. प्यासा कौआ
( Short Story in Hindi with Moral )
एक समय की बात है गर्मियों के मौसम चल रहे थे। उस समय भीषण गर्मी पड़ रही थी। ( Thirsty Crow Story in Hindi ) इतनी ज्यादा गर्मी थी कि उस समय नदी तालाब - झड़ने आदि सभी सुख चुके थे। आसमान में उड़ रही पशु पक्षी और जमीन के जानवर पानी को तरसने लगे थे। पंछियों में से एक कौआ भी था। यह कौवा बहुत प्यासा था। कौआ पानी की तलाश में इधर उधर भटक रहा था। वह पानी के पूरा जंगल छान मारा। परंतु जंगल के सारे नदी झरने तालाब सब सुख चुके थे।
कौआ फिर भी पानी की तलाश में इधर-उधर उड़ता रहा। तभी उसकी नजर एक घड़े पर परी। कौआ ने सोचा शायद इस घड़े में पानी हो। पानी की उम्मीद में कौआ घरे के पास पहुंचा। खुशकिस्मती थी उस घड़े में थोड़ा पानी था। परंतु घड़े का पानी बहुत कम था। कौआ उस पानी तक नहीं पहुंच पा रहा था। उसने बहुत प्रयास किया कि वह पानी तक पहुंच जाए परंतु घड़े का पानी बहुत नीचे था। अगर कौआ घड़े में नीचे उतरता तो वह वापस बाहर नहीं आ पाता। कौए को कुछ समझ में नहीं आ रहा था कि वह पानी कैसे पिए।
तभी उसने घड़े के पास कुछ पत्थर देखें। तभी कौए को एक युक्ति सूझी। ( Short Story in Hindi with moral ) कौए ने सोचा कि अगर वह इन छोटे छोटे पत्थरों को पानी में डालेगा तो पानी का स्तर खुद बा खुद ऊपर आने लगेगा और वह आसानी से पानी पी लेगा। फिर क्या था, कौए ने बिल्कुल ऐसा ही किया। उसने एक एक कर के छोटे छोटे पथरों को अपने चोंच में उठा कर घड़े में डालना शुरू किया। उसे काफी मेहनत करनी पड़ी। परंतु जब कौए ने देखा कि घड़े का पानी ऊपर आराहा है तो उसे बड़ी खुशी भी होने लगी। बड़ी मेहनत से उसने उन सारे पत्थरों को घड़े में डाला। अब पनी ऊपर आचुका था। तब जा कर उस भीषण गर्मी में कौए ने अपने प्यास बुझाई। और फिर वह खुशी खुशी वह से उड़ गया।
सीख:-
इस कहानी से हमे यह सीख मिलती है कि अगर हम अपने बुद्धि और विवेक से काम करे तो हम हर नामुमकिन से लगने वाले कार्य को भी मुमकिन बना सकते हैं। बस हमे हमेशा अपने विवेक का इस्तेमाल करना चाहिए।
The lesson of this Thirsty Crow story in Hindi:
From this story we learn that if we work with our intelligence and prudence, then we can make every impossible task possible. We should always use our intelligence in a drastic situation.
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3. चालक लोमड़ी
( Short Story in Hindi with Moral )
एक जंगल में एक शेर, लोमड़ी और गधे में बहुत गहरी दोस्ती थी। ( Clever Fox Story in Hindi ) वह तीनों हमेशा एक साथ रहते थे। तीनों एक साथ खेलते और शिकार करते।
एक दिन उन तीनों को बहुत भूख लगी थी। तो तीनों शिकार पर गए। उन्हें कोई शिकार नहीं मिल रहा था। वे जंगल में काफी दूर तक गए। तभी उन्हें एक हिरण दिखा। हिरण शेर से अनजान नदी के पास पानी पी रहा था। उसे शेर और उसके दोस्तों की होने की कोई भनक तक नहीं थी। तभी अचानक शेर ने उस हिरण पर हमला कर दिया।
खुशकिस्मती से हिरण इस बार बच गया और वह अपनी जान बचाने के लिए वहां से भागने लगा। शेर, लोमड़ी और गधे ने काफी देर तक हिरण का पीछा किया। हिरण भी अपनी जान बचाने के लिए जी जान से भाग रहा था। परंतु वह भी आखिर कब तक भागता। आखिरकार हिरण भी थक गया। तभी मौका देखकर शेर हिरण पर झपट पड़ा और हिरण शेर के पंजे में आ गया। शेर ने उसकी गर्दन में अपनी अपनी दांत गड़ा कर उसे मार डाला।
अब बारी थी शिकार का बराबर हिस्सा करना तीनों के लिए। तीनों बहुत ज्यादा भूखे थे। ( Short Story in Hindi with Moral ) कई दिनों से तीनों ने कुछ नहीं खाया था। शेर ने गधे से कहा कि इसे हम तीनो में बांट दो। गधे ने शिकार का तीन बराबर हिस्सा कर दिया। तीन हिस्सा करने पर शेर के हिस्से में बहुत कम मांस आया जिससे उसकी भूख कभी नहीं मिटती। इस बात पर शेर को गुस्सा आ गया और उसने गुस्से में आकर उसी क्षण गधे को मार दिया।
यह देख कर लोमड़ी दंग रह गया और सहम भी गया। अब इस बार शेर ने लोमड़ी से कहा कि इसे हम दोनों में बांट दो।
लोमड़ी थोड़ा चालाक और होशियार था। ( Short Story in Hindi with moral ) उसने सोचा अगर मैंने इसे बराबर बांटा और शेर के हिस्से में काम मांस गया तो वो मुझे भी मार डालेगा। तो लोमड़ी ने शिकार का केवल एक हिस्सा अपने लिए रखा और बाकी का सारा शेर को दे दिया। शेर लोमड़ी की होशियारी समझ गया और उसने हस्ते हुए लोमड़ी को शाबाशी दी। और फिर दोनों ने अपने अपने हिस्से का भोजन खा लिया। लोमड़ी ने अपने चालाकी और होशियारी से अपनी जान बचा ली। अगर वह भी गधे की तरह बेवकूफी करता तो वो भी मारा जाता।
सीख:-
इस कहानी से हमे सीख मिलती है कि हमे केवल अपने ही गलतियों से नहीं बल्कि दूसरों की गलती से भी कुछ सीखना चाहिए और सबक लेना चाहिए।
The lesson of this very short story in Hindi:
The moral of this story is that we should slearn a lessons not only from our own mistakes but also from the mistakes of others.
4. हाथी की दोस्ती
( Short Story in Hindi with Moral )
एक जंगल में एक हाथी रहता था। उसके कोई भी दोस्त नहीं थे। ( Small Story in Hindi with moral ) वह हमेशा जंगल में किसी ना किसी को अपना दोस्त बनाने के लिए ढूंढता रहता। परंतु कोई उससे दोस्ती नहीं करता। ऐसे ही वही थी एक ही रंग के पास गया और उससे दोस्ती करने को कहा। हाथी ने हिरन से पूछा, " हिरण भाई क्या मैं आपका दोस्त बन सकता हूं"। हिरण ने कहा," हाथी भाई हम दोस्त कैसे बन सकते हैं आप तो मेरे जैसे कहीं दौड़ भाग भी नहीं कर सकते। मुझे माफ कर दीजिए मैं आपसे दोस्ती नहीं कर सकता।" हिरण की बातें सुनकर हाथी थोड़ा उदास हुआ और फिर वहां से चला गया।
फिर ऐसे ही एक दिन हाथी एक बंदर से मिला हाथी ने बंदर से भी कहा कि क्या तुम मुझसे दोस्ती करोगे। बंदर ने भी हाथी से कहा कि मैं उसे दोस्ती कैसे कर सकता हूं मैं तो पैरों पर इधर-उधर उछलता फिरता हूं। प्रणाम मेरे तरफ पैरों पर नहीं उछल सकते। मैं आपसे दोस्ती नहीं कर सकता।
बंदर ने भी हाथी को दोस्ती करने के लिए मना कर दिया। हाथी बड़े दुखी मन से फिर वहां से चला गया। फिर हाथी एक खरगोश से मिला। उसने खरगोश से भी वही सवाल किया। परंतु खरगोश ने भी हाथी के दोस्ती के प्रस्ताव को यह कहकर ठुकरा दिया कि हाथी उसके तरह छोटे-छोटे बिलों में नहीं घुस सकते इसलिए वह हाथी से दोस्ती नहीं कर सकता।
बेचारा हाथी उससे कोई दोस्ती करने को तैयार ही नहीं था ऐसे ही अकेला घूमता रहता। ( Short Story in Hindi with moral ) ऐसे ही समय बीतते गए। एक दिन हाथी ने देखा कि जंगल के सभी जानवर भाग रहे हैं। हाथी ने एक हिरण को रोककर उनसे पूछा," क्या हुआ आप लोग ऐसे भाग क्यों रहे हैं"। हिरण ने हाथी से कहा जंगल में एक शेर आ गया है और वह सभी जानवरों को मारकर उसका शिकार कर रहा है। उसने कई हिरणों को मार दिए और अब वह इसी तरफ आ रहा है इसीलिए सभी जानवर अपनी जान बचा कर भाग रहे हैं।"
हिरण की बात सुनकर हाथी भागने के बजाय बड़ी बहादुरी से शेर की तरफ जाने लगा। हाथी शेर के पास गया और उससे कहा," तुम यहां से चले जाओ। तुम मेरे दोस्तों को परेशान कर रहे हो यह सभी मेरे दोस्त हैं इन्हें छोड़ दो और तुम यहां से चले जाओ नहीं तो मैं तुम्हें अच्छा सबक सिखाऊंगा।" शेर पर हाथी की बातों का कोई असर नहीं पड़ा। शेर ने अपने पंजे में एक और हिरण को दबोच लिया। हाथी को गुस्सा आ गया और उसने गुस्से में आकर शेर को एक लात मारा। शेर हाथी के प्रहार से दूर जाकर गिर पड़ा। और शेर वहां से भाग गया।
शेर को भागता देख आप सभी जानवर हाथी की प्रशंसा करने लगे। ( Short Story in Hindi with Moral ) और उन्हें अपनी गलती का भी एहसास हुआ। जिस हाथी से उन्होंने दोस्ती करने से इंकार कर दिया था, आज उसी हाथी ने उन सभी की जान बचाई। सभी जानवर अपनी करनी पर पछता रहे थे। अब सभी जानवरों ने एक साथ हाथी को अपना दोस्त बना लिया। अब हाथी अकेला नहीं था उसके पास भी कई सारे दोस्त थे।
सीख:-
इस कहानी से हमें यह सीख मिलती है कि हमारा सच्चा दोस्त वही है जो मुसीबत के समय काम आए।
The lesson of Hindi short story:
From this story, we learn that our true friend is the one who works in times of trouble.
5. जो हुआ अच्छा हुआ ( Short Story in Hindi with Moral )
एक राजा था। वह बड़ा ही अच्छा शासक था। उसके मंत्रिपरिषद में एक मंत्री थे। ( Small Story in Hindi with Moral ) जो हमेशा कहते रहते जो भी हुआ अच्छा ही हुआ। कुछ भी अच्छा या बुरा घटित होता, तो वह मंत्री राजा से कहते," महाराज जो भी होता है अच्छे के लिए ही होता है।"कई बार तो कुछ बुरा घटित होने पर भी मंत्री की यह बात सुनकर राजा को गुस्सा आ जाता।
एक बार राजा के पुत्र कि एक पैर में एक बीमारी हो गई जिस वजह से उसका वह पैर काटना पड़ा ताकि बीमारी पूरी शरीर में ना फैले। ( Short Story in Hindi with Moral ) इस पर भी उस मंत्री ने कहा जो हुआ अच्छा ही हुआ। राजा ने गुस्से में आकर उस मंत्री से पूछा,"यहां मेरे बेटे का पैर कट रहा है और तुम इसे भी अच्छा बता रहे हो। इसमें क्या अच्छा है?"
तब मंत्री जी बड़े ही विनम्र स्वरों में जवाब दिया," महाराज आपके पुत्र की एक पैर कटने से उनका उम्र भर का एक जूते की पैसे बचेंगे। इन पैसों को आप प्रजा के हित में प्रयोग कर सकते हैं।" राजा को मंत्री की बातें सुनकर गुस्सा तो आया परंतु इस बार उन्होंने उसे क्षमा कर दिया।
ऐसे ही समय बीतते गए। परंतु मंत्री अभी भी अपनी आदत नहीं छोड़े। ( Short Story in Hindi with Pictures ) एक दिन राजा अपने अखाड़े में युद्धाभ्यास कर रहे थे। तभी उनकी एक उंगली कट गई। राजा दर्द से चीखने लगे। वह मंत्री वहीं पास में ही थे। उन्होंने फिर से राजा से कहा," महाराज आप इस तरह विचलित मत होइए। जो भी होता है अच्छे के लिए ही होता है। हो सकता है इसमें आपकी ही कोई भलाई हो।"
इस बार राजा को मंत्री की बातें सुनकर अत्यधिक गुस्सा आ गया। उन्होंने सैनिकों से कह के उस मंत्री को कैदखाने में डलवा दिया। कुछ दिनों बाद जब राजा स्वस्थ हो गए तो वह शिकार पर गए। उन्हें शिकार का बहुत शौक था। इस बार जब वह शिकार पर गए तो अचानक जंगल के बीच में कुछ आदिवासियों ने उन पर हमला कर दिया। और उन आदिवासियों ने राजा को बंदी बना लिया। वह आदिवासी राजा को अपने साथ बंदी बनाकर अपने इलाके में ले गए। आदिवासी अपने देवता के लिए राजा की बलि देना चाहते थे।
बली की सारी तैयारियां शुरू हो गई। बलि के लिए राजा को लाया गया और उन्हें बलि के लिए तैयार किया गया। ( Moral Story in Hindi ) जब राजा की बलि देने के लिए उन्हें लिटाया गया तभी वहां उपस्थित आदिवासियों में से एक की नजर राजा की कटी उंगली पर पड़ी। उसने कहा कि इस राजा की तो एक उंगली कटी हुई है। यह तो पूर्ण है ही नहीं। हमें तो पहली के लिए कोई पूर्ण इंसान चाहिए। इसे छोड़ दो या किसी काम का नहीं है। और आदिवासियों ने राजा को आजाद कर दिया।
राजा को उस मंत्री की बहुत याद आई। वह हमेशा कहा करते थे कि जो भी होता है अच्छे के लिए होता है। उस दिन राजा की कुंडली कटने की वजह से ही आज राजा की जान बच पाई। राजा को अपनी गलती का पछतावा हुआ उसने सैनिकों से कहकर उस मंत्री को आजाद करवाया। और उस मंत्री को बुलाकर उससे क्षमा मांगी और साथ में राजा ने उस मंत्री से एक प्रश्न भी किया। राजा ने मंत्री से पूछा," मेरी उंगली कटने की वजह से तो मेरी जान बच गई, परंतु मैंने जो तुम्हें कैदखाने में डाला उससे तुम्हारा क्या अच्छा हुआ?" मंत्री ने उत्तर दिया," महाराज अगर मैं आजाद होता तो आपके साथ शिकार पर मैं भी जाता। और आदिवासी आपके साथ साथ मुझे भी बंदी बना लेते। वह आपको तो छोड़ देते परंतु मेरी बलि दे देते। आपकी जान बच जाती, परंतु मै मारा जाता। मेरे कैदखाने में आने से मेरी भी जान बच गई।"
राजा को अपनी गलती का पछतावा हुआ और उसे भी यह बात समझ में ( Short Story in Hindi with moral ) आ गई कि सचमुच हमारे साथ जो कुछ भी होता है अच्छा ही होता है।
सीख:-
कहानी से हमें यह सीख मिलती है कि हमारे साथ जो कुछ भी होता है हमारे ही भले के लिए होता है। कई लोगों के साथ कुछ बुरा होने करवा दिया सोच नहीं लगती है कि यह मेरे साथ ही क्यों हुआ। हमें ऐसा नहीं सोचना चाहिए। हमारे साथ जो कुछ भी होता है वह हमारी ही भलाई के लिए होता है।
The lesson of this short story in Hindi with moral:
The story teaches us that whatever happens to us is for our good. People start thinking why it happened to me if anything bad happened to him. We should not think so. Whatever happens to us is for our own good.
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